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जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संस्कारवान

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Courtesy:- Google Image      ==बच्चों में संस्कार की कमी के मुख्य दोषी ==                      घर ही वह पहला विद्यालय है जहां बच्चा अपने जीवन के सभी मूल्यों को सीखता है और उसे व्यवहार में परिणित करता है । माता पिता ही प्रथम गुरु होते हैं। जो उन्हें उचित मार्गदर्शन देते हैं तथा उचित संस्कार देकर एक अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।                    बच्चों में संस्कार घर से ही आता है,क्योंकि बच्चा  घर पर ही अपना ठोस समय व्यतित करता है। जो कुछ भी देखता, सुनता व महसूस करता है, उन्ही को अपने व्यवहार में प्रकट करता है।                    इसके साथ साथ परिवार में बुजुर्गों का भी मार्गदर्शन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, जो बच्चों को विभिन्न नैतिक मूल्य सिखाने के लिए पर्याप्त होते है। एकल परिवार में बच्चों का उचित दिशा में विकास कर पाना संभव नहीं है, क्योंकि अधिकांश माता-पिता स्वयं आपस में सामंजस्य बिठा नहीं...

मां का वात्सल्य

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कवर - गूगल सर्च                = माँ का वात्सल्य =              एक 'माँ' हमेशा अपने बच्चों के हित का ध्यान रखती है । वह कभी भी अपने बच्चों का अहित नहीं कर सकती। 'पुत कपुत सुने हैं पर न माता सुनी कुमाता' यह पंक्ति हम माता की आरती में गाते आ रहे । ये तो बच्चे ही होते हैं जो उनकी बातों को समझ नहीं पाते और अपनी कपटी बुद्धि एवं असंतोष भाव से स्वयं का घर बर्बाद करते हैं ।                   माँ अपने बच्चों को उन सभी अनुभवों से परिचित कराती है जो एक घर को घर बनाने के लिए आवश्यक होती है ।               एक माँ के द्वारा दिखाया रास्ता कभी भी समस्यात्मक नहीं हो सकता, वह तो उपचारात्मक होता है । सम्पूर्ण विश्व में केवल माँ का प्रेम ही है जो निःस्वार्थ होता है । वह माँ ही है जो बिना कहे अपने बच्चों की सारी जरूरतों को समझ जाती है।           हाँ ! यह बात अवश्य ही सत्य है कि माँ जब अपने प्रेम भाव को नियंत्रित न...

दाम्पत्य जीवन में जहर घोलता है अहम्.....

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image from google search     दाम्पत्य जीवन में जहर घोलता है अहम -                पति-पत्नी दांपत्य जीवन के 'आधार स्तंभ' हैं । यह आधार स्तंभ समानता और आदर भाव के  बल पर टिका हुआ है।          जब हम स्वयं को श्रेष्ठ समझ कर, दूसरे  के अस्तित्व को अनदेखा करते हैं  तब एक छोटी सी समस्या भी विकराल रूप ले लेती है।  इस प्रकार  दांपत्य जीवन में जहां सहयोग और सम्मान होना चाहिए वह मात्र एक दोषारोपण का  कारण बन जाता है जहां पति-पत्नी का औचित्य  नहीं रह जाता ।  वे मात्र एक प्रतिद्वंदी रह जाते हैं जो हमेशा एक दूसरे को नीचा दिखाने हेतु आतुर रहते हैं।  तथा साथ ही एक दूसरे की छोटी सी छोटी गलती ढूंढ कर निकालना व उस पर  अनावश्यक रूप से बहस करना आदि चीजें आरंभ हो जाती हैं जो पति और पत्नी के रिश्ते को तो प्रभावित करती ही है, घर का भी माहौल खराब होता है ।             'अहम भाव' वह सर्प  है जो व्यक्ति के साथ साथ पूरे परिवार को अपने जहर से...

राष्ट्रीय युवा दिवस 2020

 आज 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने हेतु हम और आप इस वेब संगोष्ठी पर एक साथ एकत्रित हुए हैं राष्ट्रीय युवा दिवस उस महान युगपुरुष के जयंती का दिवस है जो दिशाहीन हो चुके समाज को उचित दिशा प्रदान कर हिंदू धर्म का अपना गौरव लौटाया साथ ही विश्व पटल पर भारतीय संस्कृति सभ्यता और गौरवपूर्ण इतिहास को एक विशिष्ट स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। यह उन्ही की जन्म जयंती है जो सृष्टि व ईश्वर को लेकर हृदय में फूट रहे सवाल अपार जिज्ञासाओं को शांत कराया क्या आपने भगवान को देखा है? क्या आप मुझे भगवान से साक्षात्कार करा सकते हैं ? ऐसे सवालों को सुनकर कई सिद्ध पुरुष ना केवल मौन हो जाते थे अपितु कुछ अनभिज्ञ लोग हंसी ठिठोली किया करते थे । लेकिन किसे पता था जिस सवाल पर लोग आज हंस रहे थे या मौन हो जा रहे थे । वही सवाल उस महान विभूति को उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस के सानिध्य प्राप्ति का सशक्त माध्यम बनेगा, और ऐसे महान गुरु का सानिध्य प्राप्त कर धर्म और समाज में व्याप्त कुरीतियों से, अंधविश्वासों से मुक्ति दिलाएगा ।          *वसुधैव कुटुंबकम* की भावना से ओतप्रोत...