The Uniform
Poster designed by me... लघु कथा - "यूनिफॉर्म" दोपहर का समय था। एक दुबली पतली लड़की बस से उतरी। उसके साथ एक महिला भी थी। दोनों अपना-अपना सामान उठाकर आगे जाने लगे। उन्हें सामने से आते देखकर कुछ लड़के छींटाकशी करने लगे। वहीं पड़ोस के एक लड़के मन्नू ने ......उन लड़कों को यह सब ना करने को कहा, तो उन बदमाश लड़कों ने मन्नू को धमका चमका कर चुप करा दिया। वह लड़की और महिला वहीं रहने के लिए किसी परिचित के घर आए थे। दो-तीन दिन बाद बहुत सारे लड़के उस मोहल्ले में आते जाते दिखने लग गए। आस पड़ोस के लोग उन लड़कों को कुछ कहने के बजाय, मोहल्ले में आई उस लड़की के बारे में ही अफवाह भरी बातें करने लग गए थे। एक हफ्ते बाद उस लड़की के परिचित के घर के सामने पुलिस अधिकारी की गाड़ी सिपाही चालक के साथ वहां पहुंची, फिर भी सभी लड़के अपनी कॉलर खड़े कर वहां चाय के ठेले और दुकान के सामने बैठे रहे। थोड़ी देर में ..... सबके मुंह खुले के खुले रह गए.... पुलिस यूनिफॉर्म पहने वही दुबली पतली लड़की...