फैन नं १ Ep.-II [गांव चलें]
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फैन नं #१
Ep.-II
=गांव चलें=
(पहले भाग में आपने राधिका को अपने मेहनत और गुरूजी द्वारा दिए गए आत्मविश्वास के दम पर माता पिता के साथ मुंबई जाने तक की कहानी सुनी अब आगे... )
राधिका बहुत ही छोटे से गांव से अपना भविष्य बनाने के लिए माया नगरी पहुंची। मुंबई की भव्यता और चका-चौंध को देख कर राधिका और उसके माता-पिता पूरी तरह से खो चुके थे। कुछ दिनों के बाद राधिका को गुरूजी ने ऑडिशन से संबधित समस्त जानकारी देते हुए अपने पूरे आत्मविश्वास के साथ जमीन से जुड़े रहकर काम करने की सलाह दी।
राधिका ने अपने फिल्मी कैरियर के शुरुआत हेतु बहुत से ऑडिशन दी। इस दौरान राधिका की मुलाकात "अक्षिता" से हुई। अक्षिता भी ऑडिशन के लिए स्टूडियो आया जाया करती थी। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई।
कुछ ही महीनों बाद एक बहुत ही साधारण से और नए निर्देशक ने राधिका का ऑडिशन देखा और उसे एक एड फिल्म के लिए साइन करवाया। उसके बाद राधिका को और बहुत से एड फिल्म के साथ साथ कुछ फिल्मों में सह कलाकार के रूप में काम मिलना शुरू हुआ । वहीं अक्षिता को भी सह कलाकार के रुप काम मिलना शुरु हुआ।
फिल्म जगत एक नया नाम और पहचान राधिका को देने जा रहा था, वह नाम और पहचान था - "रुपर्णा"।
धीरे धीरे समय गुजरता गया और रुपर्णा को उसकी पहली फिल्म मिली । उसके बाद उसे सफलता की बुलंदियों को छूने का अवसर मिलना शुरू हो गया । रुपर्णा एक जानी-मानी अभिनेत्री बन गईं। जिसने अपने कला के माध्यम से फिल्म जगत में अपनी एक अलग ही पहचान बनाते हुए, बहुत ही कम समय में लोकप्रिय और सबकी चहेती अदाकारा बन गई। उसने कम समय में ही बहुत सारे सुपरहिट फिल्म और विज्ञापन हेतु प्रोजेक्ट साइन की। उसकी मांग बढ़ती चली गई। अक्षिता सह कलाकार के रूप में काम करती थी, लेकिन फिर भी रुपर्णा और अक्षिता की दोस्ती में कोई बदलाव नहीं आया, बल्कि अक्षिता तो रुपर्णा की सहेली होने के बावजूद भी, उसकी बहुत बड़ी फैन थी। इस प्रकार रुपर्णा अपनी तरक्की से बहुत ही संतुष्ट थी और उसके लिए उसने अपने व्यक्तित्व, आत्म सम्मान, विचार धारा और गुरुजी से प्राप्त ज्ञान के साथ कभी भी समझौता नहीं की।
रुपर्णा के अनगिनत और एक से बढ़कर एक फैन हुए। बड़े से बड़े बिजनेस मैन, स्पोर्ट्स मैन, मंत्री या नेता या फिर अभिनेता सभी रुपर्णा से मिलने और बात करने के बहाने ढूढते थे। रुपर्णा का व्यवहार सभी के साथ सकारात्मक रहता था।
समय के साथ साथ रुपर्णा को इनसे व कई निर्देशक और कलाकारों से शादी का प्रस्ताव रखा जाता था, परंतु रुपर्णा ने अपने जीवनसाथी का चयन सोच समझ कर करने का निर्णय लेने की बात कहती थी। शादी का प्रस्ताव रखने वाले कई ऐसे बड़े कलाकार रुपर्णा जिन्हें मना कर चुकी थी, वो लोग उसे गलत समझने लग गए थे, और कई तरह के अफवाह फैलाते थे। उससे दुश्मनी करने लग गए। कई लोग धमकी भी देते थे। कुछ लोग तो ऐसे भी थे जो रुपर्णा की कामयाबी से जलते थे। रुपर्णा के माता पिता उसी समय अंतराल में गुजर गए। रुपर्णा थोड़ी सी अकेली महसूस करने लग गई थी, पर अक्षिता उसे कभी भी उदास नहीं होने देती थी।
इन सब के अलावा वह अपने आप से भी लड़ती थी। वह सोचती थी कि रुपर्णा बनते बनते वह अपने आप (राधिका) से काफी दूर चली गई है। इस दौरान वह अपने गांव और गुरुजी को याद करती है और सोचती है कि कितने साल गुजर गए....ना ही गांव की कुछ खबर है .... और ना ही गुरुजी की.. ।
अचानक शुटिंग के दौरान रुपर्णा, अक्षिता से कहती है गांव चलें ? और अगले ही दिन वे गांव के लिए निकल जाते हैं।
{क्या होगा गांव में रुपर्णा के साथ....क्या रुपर्णा अपनी बात गुरूजी के सामने रख पाएगी....? अगले अंक मेंं }
भाई अगला भाग का इंतजार है 👌👌👌👍👍👍
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत आभार.....🙏🙏🙏 उपलब्ध है ....खास आप के लिए
हटाएंNext part kab aayega 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंThnq....so..... Much....💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏😍😍
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