मोबाईल - एक गिफ़्ट - २ [ मिथिलेश का एक्सीडेन्ट ]
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= मोबाइल - एक गिफ़्ट =
< भाग - २ >
[ मिथिलेश का एक्सीडेन्ट ]
कहानी अब तक.....
महेश का मिथिलेश और राहुल के साथ थोड़ा अनबन हो जाता है । महेश गुस्से में वहाँ से चला जाता है । काफ़ी वक्त गुजर जाने के बाद भी महेश नहीं आता। तब मिथिलेश ने महेश के जन्मदिन के लिए राहुल के साथ मिलकर एक प्लान बनाया.......
अब आगे......
एक महिने बाद राहुल, महेश के घर उसके जन्मदिन पर केक लेकर अकेले पहुंचता है। महेश थोड़ा डरा सहमा बाहर आता है। महेश, राहुल से मिथिलेश के बारे में पुछता है , लेकिन राहुल बात को टाल देता है ।
महेश के घर के सदस्य लोग बोलते हैं - चलो भाई ! जल्दी केक काटो।
फ़िर राहुल भी बोलता है - चल अभी केक काट ,बातें तो होती ही रहेंगी ।
तब महेश केक काटता है। राहुल अपने बैग से एक गिफ़्ट निकाल कर महेश को देता है ।
महेश बोलता है - भाई ! इसकी क्या जरूरत थी ।
राहुल - तेरे लिये तो इतना बनता है ।
जैसे ही महेश गिफ़्ट खोला तो देखा कि एक नया मोबाइल....! वह बहुत खुश हुआ लेकिन इतना महंगा गिफ़्ट लेने से उसने मना कर दिया और उसने फ़िर पूछा कि मिथिलेश अभी तक क्यों नहीं आया ? तब राहुल उसे ऐसे ही बातों मे उलझा कर बाहर ले आया और बताया कि - मिथिलेश का छोटा सा एक्सीडेन्ट हो गया है ।
राहुल ने बताया कि - तुझे गिफ़्ट करने के लिए इस मोबाइल को लेकर वह बाइक से मेरे घर आ रहा था। तब अचानक किसी बाइक वाले ने उसके पॉकेट से उसकी मोबाइल छीनने की कोशिश की और इतने में मिथिलेश कुछ समझ पाता, तब तक उसकी बाइक स्लिप कर गई थी और वह गिर गया । इसलिए यहां पर नहीं आ पाया है। हालांकि उसे ज्यादा चोट नहीं लगी है थोड़ी बहुत खरोच बस लगी है। वह भी आता ही होगा। महेश बहुत ही दुखी हो जाता है और वह रोने लगता है ।
सामने से मिथिलेश की बाईक आते हुये देखते हैं। तब महेश दौड़ते हुए जाता है, और मिथिलेश को गले से लगा लेता है । और रोते हुए उसके कान में कहता है - सॉरी यार!
मिथिलेश कहता है - अरे भाई! रोने की क्या बात है? मेरे हाथ पैर थोड़ी ना टूटे हैं ? जो इतना रो रहा है । महेश ने मिथिलेश का हाथ पकड़ कर फिर से सॉरी कहा ।
मिथिलेश ने महेश से पूछा - तेरा नया मोबाइल कैसा है बताया नहीं तू ? फीचर वगैरा चेक किया ? अब तो तेरा मोबाइल हम दोनों के मोबाइल से ज्यादा महंगा वाला है दोस्त । इतने में महेश फिर रोने लगा । मिथिलेश और राहुल समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर बात क्या है? फिर राहुल ने उसे एक गिलास पानी ला कर दिया और उसके पानी पीने के बाद महेश, मिथिलेश को फिर से सॉरी कहता है।
मिथिलेश ने महेश से कहा - भाई माफी तो मुझे मांगनी चाहिए मेरी वजह से झगड़ा हुआ था। मैं वाकई में बहुत दुखी हूं ।
राहुल - दोस्ती यारी में इतना चलता है। चलो छोड़ो इन सब बातों को चलो पार्टी इंजॉय करें , लेकिन महेश अभी भी सिर नीचे झुकाय..... उदास था।
राहुल ने पूछा - अबे तुझे हुआ क्या है ? आज तेरा जन्मदिन है इतना उदास क्यों है ?
महेश (जुबान लड़खड़ाते हुए सिर झुका के ) - भाई !.. ओ.. ओ....ओ.... बा... बा.... बाइक वाला ...... मैं था ।
कहानी का शेष भाग.....
अगले और अंतिम अंक में......
वाह लक्ष्मीकांत जी बहुत ही अच्छा लेख हैं आपके महेश को पीठवाना बाकी रह गया है😆😂😂🤣
जवाब देंहटाएं😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂धन्यवाद सर जी .... .. बिल्कुल देखते अगले अंक में क्या होता है.....😂😂😂
जवाब देंहटाएं👌👌👌🤘
जवाब देंहटाएंThnq.... Bhaai sahab.....💐💐💐💐
हटाएंक्या महेश को माफ कर पायेगा मिथलेश देखते हैं अगले अंक मे............
जवाब देंहटाएंBilkul ......😀😀😀💐💐
हटाएं👌👌👌
जवाब देंहटाएंधन्यवाद... सर जी
हटाएं✌️👌
जवाब देंहटाएंthnq sooo much....☺☺☺💐💐
हटाएंbahut khub bhaiya .....................
जवाब देंहटाएंThnq.....☺☺💐💐💐
हटाएं😃👌🏻👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंThnq ....soo..much💐💐💐🙏🙏🙏
हटाएंNice👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंthnq sooo...much..🙏🙏💐💐☺
हटाएं👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻Jaldi agla part bhejo
जवाब देंहटाएंThnq....sooo...much...... Bahut jald.....🙏🙏🙏💐💐💐☺☺
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