मोबाइल - एक गिफ़्ट - १ [ महेश का गुस्सा ]
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= मोबाइल - एक गिफ़्ट =
< भाग - १ >
[ महेश का गुस्सा ]
मिथिलेश, महेश और राहुल तीनों में अच्छी दोस्ती थी। एक दूसरे के साथ हमेशा एक अच्छा समय बिताया कर देते थे। तीनों की दोस्ती बहुत ही अच्छी थी। महेश थोड़ा ज्यादा गुस्सैल प्रवृत्ति का था । उसे हर छोटी छोटी बात पर गुस्सा करने की आदत थी ,और इसी आदत के कारण महेश और मिथलेश में कुछ ना कुछ बात को लेकर झड़प हो जाया करती थी ।
राहुल दोनों को समझाया करता था। मिथिलेश थोड़ा ज्यादा ही लापरवाह किस्म का लड़का था। उसको मजाक मस्ती, मोटर सायकल तेज चलाना, मोबाइल पर बात करते बाईक चलाना, मोबाइल हमेशा पीछे पॉकेट में रखना इस तरह की आदत थी। राहुल उसको कई बार इन सब बातों के लिए समझा चुका था , परंतु वह समझता ही नहीं था। परंतु इन सबके अलावा तीनों में एक बहुत ही बड़ी लत लगी हुई थी। वह थी मोबाइल की लत और मोबाइल मतलब ऑनलाइन गेमिंग खेलने की और तीनों ही मोबाइल को लेकर हमेशा अपडेट रहा करते थे, और एक दूसरे को चिढ़ाते भी रहा करते थे।
महेश का मोबाइल मिथिलेश और राहुल के मोबाइल की तुलना में थोड़े कम दाम का था, और जब भी महेश का मोबाइल हैंग हो जाता तब उसके मोबाइल को लेकर मिथिलेश और राहुल बहुत चिढ़ाया करते थे तो उसे बहुत ही गुस्सा आता था। वह नया मोबाइल खरीदना चाहता , परंतु आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण वह कम बजट के मोबाइल के साथ ही खेला करता था। समय बितता गया और एक दिन जब तीनों मिलकर गेम खेल रहे थे । तभी महेश का मोबाइल बंद हो गया। मिथिलेश और राहुल ने महेश का फ़िर से बहुत मजाक बनाया। मिथिलेश ने महेश को कुछ ज्यादा ही परेशान कर दिया, जिससे महेश ने मिथिलेश को दबोच लिया ।
राहुल ने महेश को समझाया की दोस्ती यारी में इतना तो चलता है, फिर गुस्सा और हाथापाई क्यों ?
इतने में मिथिलेश ने महेश को फिर से चिढ़ा दिया कि - अब तो तेरा मोबाइल भी गया और नया मोबाइल तेरे पास आने से रहा। महेश थोड़ा हताश हो गया, फिर महेश दोनों से चिढ़कर वहां से चला गया।
राहुल ने मिथिलेश को बहुत डांटा और कहा यार तू जानता है कि उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि नया मोबाइल ले सके और ऊपर से उसको और भड़का रहा है। यह सही नहीं किया तूने । तब मिथिलेश ने कहा हर बात पर गुस्सा करता है, ले चल जब मिलेंगे तब माफी मांग लूंगा। काफी वक्त गुजर गया परंतु महेश, मिथिलेश और राहुल से न ही मिलने आया और न ही किसी भी प्रकार से संपर्क किया।
मिथिलेश और राहुल ने इस बात को लेकर कुछ दिन और इंतजार किए। जब महेश फ़िर भी न आया तब मिथिलेश और राहुल परेशान होकर बैठ गये तभी मिथिलेश के मन में एक आइडिया आया उसने कहा कि यार अगले महिने उसका जन्मदिन आने वाला है...
तब राहुल ने कहा- तो....।
तब मिथिलेश ने कहा - मेरे पास एक प्लान है ।.....
कहानी का शेष भाग.....
अगले अंक में......
Behtareen story
जवाब देंहटाएंAgle bhag ki pratiksha h
धन्यवाद महोदय जी.... 🙏🙏🙏बहुत जल्द 2रा अंक...
हटाएंNice story🤟 waiting for the 2nd part🙏👌
जवाब देंहटाएंThnq....sooo...much..... Very...soon...☺🙏🙏
हटाएंnice story jija ji💥👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद..... .🙏🙏☺☺💐💐
हटाएं👌👌👌 behtrain... 🤘🤘🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार भाई साहब...... 🙏🙏☺☺💐💐
हटाएंबहुत ही सुंदर कहानी है भईया जी 🙏🙏🙏😍😍
जवाब देंहटाएंThnq bhai.....🍬🍬🍬☺☺👍👍😍😍😍
हटाएंबहुत खूब भैया....👌👌👌
जवाब देंहटाएंthnq sooo much.....😍😍🍬🍬
हटाएंबहुत ही बेहतरीन लेखन व्यवहारिक जीवन से जुड़ा हुआ आपका विचार बहुत ही सराहनीय महोदय जी अगले भाग की प्रतीक्षा में
जवाब देंहटाएंजी... बहुत बहुत आभार आपका.... .. 💐💐🙏🙏🙏💐💐द्वितीय भाग वेबसाइट पर आ चुका ... . बहुत बहुत धन्यवाद आपका....
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