पैसाें की चाह
(सौजन्य गूगल)
= पैसाें की चाह =
एक गाँव में मिथिलेश नाम का बहुत ही होनहार लड़का था । जिसके साथ घटित एक घटना आज मैं आपको बताने जा रहा हूं। यह बात कुछ एक दो महीने पहले की है । मिथिलेश एक दिन अपने ताऊ जी के घर घुमने के लिए गया था। वह अपने बड़े भाई के पास जाता है, और पूछता है, पैसा कमाने का सबसे सरल तरीका कौन सा है ? बड़े भाई ने उसे ईमानदारी की चार पांच वाक्य सुनाएं और फिर कहने लगा कि अभी उम्र तुम्हारे पैसे कमाने की नहीं है। अभी पढ़ाई में ध्यान दो और अपने आगामी परीक्षा की तैयारी में लग जाओ । उसके बाद फिर जब तुम्हारी उम्र हो जाएगी। तब तुम पैसे कमाने के बारे में और अपने जवाबदारी के बारे में सोचना । कुछ बातचीत करने के बाद मिथिलेश चला गया ।
मिथिलेश बहुत ही होशियार था, आप समझ ही गए होंगे। कुछ दिन बाद जब वह विद्यालय गया। तब वहां उसके कुछ दोस्तों ने उसे एक योजना के बारे में जानकारी दी । जिसमें बिना किसी निवेश के सिर्फ दस्तावेजों को जमा करने के बाद राशि प्राप्त करने की पात्रता मिल जाती है। मिथिलेश उस योजना में जुड़ने के लिए तैयार हो गया । कुछ दिन बाद उसके खाते में पैसे भी आने लगे । उसने इस योजना को अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी बताया और उसने अपने सभी सदस्यों का पंजीकरण उसी प्रक्रिया के साथ करवा दिया।
अब कुछ दिनों के पश्चात वह अपने बड़े भाई से पुनः मिलता है। और उसको योजना के बारे में पूरी जानकारी देता है। बड़ा भाई समझ जाता है । वह मिथिलेश को समझाता है, ऐसी कोई योजना नहीं होगी ? जिसमें सिर्फ दस्तावेजों को जमा करने के बाद पैसे स्वत: ही बैंक खाते में आ जाते हैं । फिर मिथिलेश बड़े भाई को योजना समझाता है कि सिर्फ आपको अपना बैंक संबंधी दस्तावेज और पहचान पत्र जमा करने होते हैं । उसके बाद बैंक खाते में पहले महीने कुछ राशि आयेगी । उस राशि को हमें उस ऑपरेटर को देना होता है । उसके बाद अगले महीने जो राशि आएगी वह हमारी खुद की रहेगी। इतने में बड़े भाई का भी मन खुश हो जाता है । परंतु अभी भी उसके दिमाग में गोलमाल है भाई सब गोलमाल है चलते रहता है।
कुछ दिन के बाद मिथिलेश बड़े भाई को फोन लगाता है, और थोड़ा घबराहट भरे स्वर में कहता है .....भैया जिस जिस को पैसे मिले हैं, उस योजना के तहत उन सबके दस्तावेज परीक्षण किए जा रहे हैं और जो उस योजना के मापदंड के लायक नहीं हैं उनकी छंटनी कर उनसे राशि वसूली जा रही है। उसने बताया कि ऐसे कई व्यक्ति हैं, जो योजना के लायक नहीं है उसके मापदंड में सही नहीं बैठते , और उसमें मैं भी हूं। और ऐसे व्यक्तियों की एक सूची भी जारी हो रही है । जिसमें प्राप्त की गई राशि बताई जाएगी और तय समय में वह राशि उन्हें सरकार के खाते में किसी भी तरह से वापस करनी पड़ेगी। उनसे सरकार राशि भी वापस ले रही है और सजा भी दे सकती है । भाई थोड़ा घबरा जाता है फिर मिथिलेश बड़े भाई को बोलता है कि मैं तो सिर्फ पहला किश्त ही लिया हूं , और पहले लिस्ट में तो मेरा नाम नहीं है । अगर मेरे पास नोटिस आएगा तो उस राशि को लौटा दूंगा।
थोड़े समय तक दोनों भाई शान्त हो गये, फिर ठहाका लगा लगाकर खूब हंसे। मिथिलेश अब इस बात को बहुत ही अच्छी तरीके से समझ गया था कि पैसा कमाने का कोई छोटा रास्ता नहीं होता मेहनत करनी पड़ती है।
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