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जून, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

फैन नं १ Ep.- III [साजिश]

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Poster designed by me with the help of google image.                               फैन नं #१                                 Ep.-III                               = साजिश = (पिछले अंक में आपने पढ़ा कि राधिका मुंबई में एक सफल अभिनेत्री बन चुकी थी। मायानगरी ने उसे रुपर्णा नाम दिया। अक्षिता और रुपर्णा में अच्छी दोस्ती हो गई थी। रुपर्णा को गांव की बहुत याद आती है और अक्षिता के साथ वह गांव के लिए निकल जाती है। अब आगे....) गाँव को देख कर रुपर्णा एक दम से स्तब्ध रह गई। गाँव पूरी तरह बदल चुका था। गांव में अधिकतर लोग अब शिक्षित और अपने अपने रूचि के अनुसार काम करने लग गए थे। कहीं नृत्य शाला, व्यायाम शाला, विविध प्रशिक्षण हेतु कार्यक्रम और कार्य शाला , लघु उद्योग खुले थे तो गांव प्राकृतिक चिकित्सा एवं नई तकनीकी का प्रयोग कर रहा था। गांव की सोच और काम करने के त...

फैन नं १ Ep.-II [गांव चलें]

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Image - google. Poster designed by me.                           फैन नं #१                            Ep.-II                        = गांव चलें =   (पहले भाग में आपने राधिका को अपने मेहनत और गुरूजी द्वारा दिए गए आत्मविश्वास के दम पर माता पिता के साथ मुंबई जाने तक की कहानी सुनी अब आगे... )                   राधिका बहुत ही छोटे से गांव से अपना भविष्य बनाने के लिए माया नगरी पहुंची। मुंबई की भव्यता और चका-चौंध को देख कर राधिका और उसके माता-पिता पूरी तरह से खो चुके थे। कुछ दिनों के बाद राधिका को गुरूजी ने ऑडिशन से संबधित समस्त जानकारी देते हुए अपने पूरे आत्मविश्वास के साथ जमीन से जुड़े रहकर काम करने की सलाह दी।                       राधिका ने अपने फिल्मी कैरियर के शुरुआत हेतु बहु...

फैन नं १ Ep.I [गुरूजी का साथ]

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Image- by Google                          फैन नं #१           =गुरूजी का साथ (Ep. - I)=                       राधिका एक बहुत ही होनहार और बहुत ही प्यारी लड़की थी। साथ ही उसे अभिनय का बहुत ही शौक था। जब भी स्कूल में कोई भी कार्यक्रम होता था। वह विभिन्न प्रकार के नाटक, व्यंग्य और नृत्य कला के द्वारा सबको मोह लेती थी। राधिका को राज्य स्तर तक कई पुरस्कार मिल चुके थे। राधिका के कला को निखार गांव में स्कूल के एक ऊर्जावान और हमेशा बच्चों को प्रेरित करने के लिए कार्यरत विज्ञान विषय के गुरुजी दिया करते थे। गुरुजी सभी बच्चों के कला को समान सम्मान करते थे। उनके लिए जो कुछ करना पड़े वह हर संभव प्रयास करते थे। उन्हीं सब बच्चों में से एक राधिका भी थी। उन्होंने राधिका की कला को निखारने हेतु अपने सहयोगी शिक्षिकाओं तथा अपने क्षेत्र के और विभिन्न कलाकारों को बुलाकर उसको प्रशिक्षण भी दिलवाते थे । शायद उन्हें राधिका की खूबियों का पता चल गया था और...